भरदुतिया पावनि - Surha Village

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Tuesday, March 24, 2020

भरदुतिया पावनि

 भरदुतिया पावनि 

इ अछि पूजाक विधि
एहि पावनि मे बहिन, भाइ केँ अपना घरमे आमंत्रित करैत अछि। अड़िपन बना कए ओहि पर भाइ केँ बैसाओल जाएत अछि। ललाट पर पिठार आ सेनुरक ठोप कए पान सोपारी भाइ के हाथमे दए केँ बहिन एहि पाँति केर उच्चारण करै छथि, गंगा नौतय छथि यमुना के, हम नोतय छी भाई केँ। जहिना-जहिना गंगा के धार बहै, हमर भय सभक औरदा बढ़य।
तकरा बाद हुनक दुर्घायु जीवनक कामना भगवन सं करै छथि। फेर भाइ केर मुँह मीठ कएल जाएछ। भाइ अपन यथाशक्तिक अनुसार बहिन केँ उपहार प्रदान करै छथि।
कहल जाएत अछि जे, यमराजक बहिन कार्तिक शुक्ल पक्ष केर द्वितीया दिन हुनका निमंत्रण दएने छलीह। ताहिसँ यमराज खुश भेल छलाह। तहिया सँ इ प्रथा चल आबि रहल अछि।

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